मिट्टी की मूर्तियां– पर्यावरण के लिए वरदान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों से अपील की थी कि गणेश चतुर्थी पर प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) से बनी प्रतिमाओं के स्थान पर मिट्टी से बनी प्रतिमाएं स्थापित की जाएं। POP की मूर्तियां पानी में घुलती नहीं हैं और इससे नदियों, तालाबों और अन्य जलस्रोतों का प्रदूषण बढ़ता है। ऐसे में मिट्टी से बनी प्रतिमाएं जल में आसानी से घुलकर पर्यावरण को सुरक्षित रखती हैं।
मुख्यमंत्री की इस पहल से प्रेरित होकर पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार राय ने 27 अगस्त को अपने परिवार के साथ पुरानी अनाज मंडी पहुंचकर स्थानीय कारीगरों से मिट्टी की गणेश प्रतिमा खरीदी। यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उदाहरण प्रस्तुत करता है, बल्कि स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाने में सहायक है।
नागरिकों से की अपीलइस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री राय ने जिले के नागरिकों को संदेश दिया –
"आइए हम सभी मिलकर पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने का संकल्प लें। प्लास्टर ऑफ पेरिस की जगह मिट्टी की प्रतिमाएं अपनाकर हम न केवल जल प्रदूषण को रोक सकते हैं, बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ पर्यावरण भी सुनिश्चित कर सकते हैं।"
उन्होंने जिले के सभी नागरिकों से गणेश चतुर्थी का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाने तथा पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय योगदान देने की अपील भी की।
स्थानीय कारीगरों को मिला संबल
श्री राय की इस पहल से स्थानीय कारीगरों में भी उत्साह देखा गया। मिट्टी की प्रतिमाओं की बिक्री बढ़ने से उन्हें आर्थिक सहयोग मिलेगा और पारंपरिक कला को भी नई पहचान मिलेगी।
पुलिस अधीक्षक खंडवा की यह पहल जिले में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे प्रयास समाज को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर पर्यावरण सुनिश्चित करते हैं।
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